What Does Shodashi Mean?

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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या

साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं

ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।

प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥

The Mahavidya Shodashi Mantra is also a strong Resource for anyone seeking harmony in private interactions, Artistic inspiration, and guidance in spiritual pursuits. Typical chanting fosters emotional healing, improves intuition, and will help devotees obtain better knowledge.

क्या आप ये प्रातः स्मरण मंत्र जानते हैं ? प्रातः वंदना करने की पूरी विधि

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

They were also blessings to gain materialistic blessings from distinct Gods and Goddesses. For his consort Goddess, he click here enlightened human beings With all the Shreechakra and as a way to activate it, one should chant the Shodashakshari Mantra, which happens to be often called the Shodashi mantra. It is alleged to become equivalent to all of the 64 Chakras put alongside one another, coupled with their Mantras.

हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach

वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram

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